परिचय:
अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस प्रतिवर्ष 12 अगस्त को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य युवाओं के मुद्दों को वैश्विक स्तर पर सामने लाना, उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना और युवा सशक्तिकरण के लिए नीतियाँ बनाना है।
स्थापना का इतिहास:
- इस दिवस को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 1999 में घोषित किया गया था।
- इसकी अनुशंसा विश्व युवा सम्मेलन (Lisbon, 1998) द्वारा की गई थी।
- पहली बार इसे 2000 में मनाया गया।
उद्देश्य:
- युवाओं की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
- शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर युवाओं की भूमिका को रेखांकित करना।
- नीति निर्माताओं को युवाओं की समस्याओं और उनकी क्षमताओं के प्रति संवेदनशील बनाना।
भारत में प्रासंगिकता:
- भारत की 65% जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है।
- युवा नीति: राष्ट्रीय युवा नीति 2014 युवाओं के सर्वांगीण विकास पर केंद्रित है।
- नेहरू युवा केंद्र (NYKS) और राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) युवाओं के संगठन के प्रमुख माध्यम हैं।
- स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसी योजनाएं युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रही हैं।
चुनौतियाँ:
- बेरोजगारी और कौशल अंतर
- शिक्षा की गुणवत्ता में असमानता
- मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ
- ड्रग्स, हिंसा और कट्टरता के प्रति संवेदनशीलता
- नीतिगत भागीदारी की कमी
समाधान और आगे की राह:
✅ कौशल विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देना
✅ शिक्षा प्रणाली में नवाचार और डिजिटल साक्षरता
✅ मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता
✅ युवा संसद, ई-गवर्नेंस में भागीदारी
✅ ग्रीन रोजगार और जलवायु नेतृत्व में युवा नेतृत्व को बढ़ाना
🔹 निष्कर्ष:
युवाओं की भागीदारी के बिना सतत विकास का लक्ष्य अधूरा है। अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि एक आह्वान है कि हम अपनी नीतियों, संस्थाओं और समाज में युवाओं को निर्णायक स्थान दें।