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Topic जन विश्वास 2.0 : विश्वास आधारित शासन की दिशा में कदम |
परिचय
- जन विश्वास (संशोधन विधेयक), 2025 जिसे जन विश्वास 2.0 भी कहा जाता है, हाल ही में लोकसभा में प्रस्तुत किया गया।
- यह विधेयक जन विश्वास अधिनियम, 2023 का विस्तार है।
- वर्ष 2023 में पारित कानून के अंतर्गत 42 अधिनियमों की 183 धाराओं को अपराधमुक्त किया गया था।
- नए विधेयक का उद्देश्य 16 केंद्रीय अधिनियमों में संशोधन कर छोटे अपराधों और अनुपालनों को अपराधमुक्त बनाना तथा दंड प्रावधानों को अधिक युक्तिसंगत करना है।
- इससे न केवल नागरिकों के जीवन में सरलता आएगी बल्कि व्यापार करना भी आसान होगा
पृष्ठभूमि : जन विश्वास 2.0 की आवश्यकता
1. कानूनों में अत्यधिक अपराधीकरण
- विदि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी की रिपोर्ट बताती है कि 882 केंद्रीय कानूनों में से 370 में 7,305 अपराध परिभाषित हैं।
- इनमें से 75% अपराध ऐसे क्षेत्रों से जुड़े हैं जो मूल आपराधिक न्याय प्रणाली का हिस्सा नहीं हैं, जैसे– कराधान, नौवहन, वित्तीय संस्थान और नगरपालिका शासन।
2. असंगत दंड
- कई बार बहुत छोटे कार्यों पर भी गिरफ्तारी हो सकती है।
- उदाहरण: सड़क पर गाय का दूध निकालना या पालतू कुत्ते को घुमाने में लापरवाही।
- यह स्थिति अपराध और दंड के अनुपात (Proportionality) के सिद्धांत का उल्लंघन करती है।
3. व्यापार में रुकावट
- ORF रिपोर्ट 2022 के अनुसार:
- 1,536 व्यापारिक कानूनों में से 50% से अधिक में जेल की सजा का प्रावधान है।
- 69,233 अनुपालनों में से 37.8% में कारावास शामिल है।
- इस प्रकार, उद्यमिता, रोजगार सृजन और GDP वृद्धि प्रभावित होती है।
4. न्यायपालिका पर दबाव
- राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के अनुसार जिला अदालतों में 3.6 करोड़ से अधिक आपराधिक मामले लंबित हैं।
- इनमें से 2.3 करोड़ मामले एक वर्ष से अधिक पुराने हैं।
- छोटे-छोटे प्रक्रियात्मक मामलों के कारण गंभीर अपराधों पर न्याय में देरी होती है।
जन विश्वास विधेयक 2025 के प्रमुख प्रावधान
1. संशोधन का दायरा
- कुल 355 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव।
- 288 प्रावधान अपराधमुक्त।
- 67 प्रावधान नागरिकों के जीवन को आसान बनाने हेतु बदले जाएंगे।
2. शामिल अधिनियम
- इन 16 केंद्रीय अधिनियमों में संशोधन होगा, जिनमें शामिल हैं:
- मोटर वाहन अधिनियम, 1988
- भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934
- केंद्रीय रेशम बोर्ड अधिनियम, 1948
- सड़क परिवहन निगम अधिनियम, 1950
- चाय अधिनियम, 1953
- अपरेंटिस अधिनियम, 1961
- दिल्ली नगर निगम अधिनियम, 1957
- नई दिल्ली नगर परिषद अधिनियम, 1994
- विद्युत अधिनियम, 2003
- वस्त्र समिति अधिनियम, 1963
- कोयर, जूट और अन्य औद्योगिक अधिनियम
- जन विश्वास अधिनियम, 2023 (पूरक संशोधन सहित) आदि।
3. प्रथम अपराधी के लिए प्रावधान
- पहली बार अपराध करने वालों के लिए चेतावनी और सुधार नोटिस जारी किया जाएगा।
- उदाहरण: ग़ैर-मानक वज़न और माप रखने पर पहले ₹1 लाख का जुर्माना था, अब सुधार का अवसर दिया जाएगा।
4. कारावास धाराओं का हटना
- छोटे प्रक्रियात्मक या तकनीकी अपराधों पर अब जेल की सजा नहीं होगी।
- उदाहरण: विद्युत अधिनियम, 2023 में गैर-अनुपालन पर पहले 3 माह की सजा थी, अब इसे केवल जुर्माने में बदला गया है।
5. दंड का युक्तिकरण
- हर 3 वर्ष में स्वतः 10% दंड वृद्धि का प्रावधान।
- फोकस अब जेल की बजाय आर्थिक दंड पर रहेगा।
सरकार का तर्क
- यह विधेयक “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” की अवधारणा को मजबूत करता है।
- यह मेक इन इंडिया, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और न्यायिक सुधारों को समर्थन देता है।
- यह कानून तुच्छ अपराधों को अपराध घोषित करने वाले अप्रासंगिक और पुराने प्रावधानों को हटाने का प्रयास है।
विधेयक का महत्व
- यह विधेयक व्यवसाय करने की सरलता और नागरिकों के दैनिक जीवन को सहज बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। छोटे-छोटे अनुपालन उल्लंघनों के लिए कठोर दंड समाप्त कर भरोसेमंद शासन का वातावरण बनाया गया है।
- नागरिकों और उद्यमियों के बीच छोटे अपराधों या तकनीकी त्रुटियों के लिए दंडात्मक भय समाप्त होगा। इससे प्रशासन और जनता के बीच विश्वास-आधारित संबंध मजबूत होंगे।
- छोटे और प्रक्रियागत मामलों को अब प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ही सुलझाया जा सकेगा। इससे न्यायालयों पर अनावश्यक मुकदमों का बोझ घटेगा और न्यायिक प्रक्रिया अधिक प्रभावी हो सकेगी।
- व्यवसाय करने वालों के लिए पूर्वानुमेय और भरोसेमंद माहौल तैयार होगा। इससे निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, नई आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा और सतत विकास को गति मिलेगी।
निष्कर्ष
- जन विश्वास 2.0 वर्तमान में लोकसभा की सिलेक्ट कमेटी द्वारा समीक्षा में है और रिपोर्ट अगले सत्र में प्रस्तुत की जाएगी।
- यदि यह लागू होता है तो:
- अदालतों में लंबित मामलों का बोझ घटेगा।
- नागरिकों और सरकार के बीच विश्वास बढ़ेगा।
- भारत की छवि एक व्यापार-अनुकूल और निवेश-अनुकूल देश के रूप में और सशक्त होगी।
Q. जन विश्वास (संशोधन) विधेयक, 2025 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
- इस विधेयक के अंतर्गत कुल 355 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है।
- विधेयक में 288 प्रावधानों को अपराधमुक्त किया गया है।
- यह विधेयक केवल भारतीय दंड संहिता, 1860 से संबंधित प्रावधानों को ही संशोधित करता है।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A. केवल 1 और 2
B. केवल 2 और 3
C. केवल 1 और 3
D. 1, 2 और 3
उत्तर : A (केवल 1 और 2)
व्याख्या
- कथन 1 सही है : जन विश्वास 2.0 के अंतर्गत कुल 355 प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव है।
- कथन 2 सही है : इनमें से 288 प्रावधान अपराधमुक्त किए जाएंगे।
- कथन 3 गलत है : यह विधेयक केवल भारतीय दंड संहिता तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें 16 केंद्रीय अधिनियम (जैसे – RBI अधिनियम 1934, औषधि अधिनियम 1940, मोटर वाहन अधिनियम 1988, विद्युत अधिनियम 2003, MSME अधिनियम 2006, लीगल मेट्रोलॉजी अधिनियम 2009 आदि) को शामिल किया गया है।
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ड्रेक पैसेज (Drake Passage) |
चर्चा में क्यों :
- हाल ही में यह क्षेत्र 7.5 तीव्रता के भूकंप और सुनामी चेतावनी के कारण समाचारों में चर्चा का विषय बना, जिससे तटीय इलाकों में अलर्ट और जनजीवन प्रभावित हुआ।
ड्रेक पैसेज (Drake Passage) के बारे में
- ड्रेक पैसेज दक्षिण अमेरिका के केप हॉर्न (Cape Horn) और अंटार्कटिका के साउथ शेटलैंड द्वीप समूह के बीच स्थित एक महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग है।
- यह मार्ग न केवल भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि ऐतिहासिक और जलवायु संबंधी दृष्टि से भी अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
भौगोलिक स्थिति
- ड्रेक पैसेज दक्षिण अमेरिका के केप हॉर्न और अंटार्कटिका के साउथ शेटलैंड द्वीप समूह के बीच स्थित है।
- इसकी चौड़ाई लगभग 800 किलोमीटर है।
- यह दक्षिणी महासागर (Southern Ocean) का सबसे संकरा भाग माना जाता है।
- यह मार्ग दक्षिण-पश्चिम अटलांटिक महासागर और दक्षिण-पूर्व प्रशांत महासागर को जोड़ता है।
नामकरण और ऐतिहासिक महत्व
- इस जलमार्ग का नाम सर फ्रांसिस ड्रेक के नाम पर रखा गया है।
- वे पहले अंग्रेज समुद्री यात्री थे जिन्होंने पृथ्वी की परिक्रमा की।
- 19वीं और 20वीं शताब्दी की शुरुआत में ड्रेक पैसेज वैश्विक व्यापार का महत्वपूर्ण मार्ग था।
- पनामा नहर खुलने से पहले जहाज़ों को प्रशांत महासागर में प्रवेश के लिए इसी मार्ग का उपयोग करना पड़ता था।
भौतिक और जलवायु विशेषताएँ
- यह एक गहरा और चौड़ा समुद्री मार्ग है।
- यहाँ पर दक्षिण से आने वाली ठंडी समुद्री धाराएँ और उत्तर से आने वाली गर्म समुद्री धाराएँ टकराती हैं।
- इन धाराओं के टकराव से शक्तिशाली भँवर (Eddies) और ऊँची लहरें उत्पन्न होती हैं।
- इस क्षेत्र में पश्चिम से आने वाली हवाएँ प्रबल होती हैं और केप हॉर्न के पास सबसे तीव्र गति से बहती हैं।
- यही कारण है कि यह मार्ग विश्व के सबसे खतरनाक समुद्री मार्गों में से एक माना जाता है।
सामरिक और पर्यावरणीय महत्व
सामरिक महत्व
- ऐतिहासिक काल में यह वैश्विक व्यापार का अनिवार्य मार्ग था।
- आज भी यह अंटार्कटिका से जुड़ी वैज्ञानिक और अनुसंधान यात्राओं के लिए महत्त्वपूर्ण है।
पर्यावरणीय महत्व
- यह क्षेत्र उपध्रुवीय (Subpolar) और ध्रुवीय (Polar) जलवायु के बीच संक्रमण क्षेत्र है।
- यहाँ की समुद्री धाराएँ और हवाएँ वैश्विक जलवायु प्रणाली पर प्रभाव डालती हैं।
नवीनतम घटनाक्रम
- अगस्त 2025 में ड्रेक पैसेज क्षेत्र में 7.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
- इसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई।
- यह दर्शाता है कि यह क्षेत्र केवल तूफानों और समुद्री धाराओं के कारण ही नहीं, बल्कि भूकंपीय गतिविधियों के कारण भी संवेदनशील है।
निष्कर्ष
- ड्रेक पैसेज विश्व के सबसे चुनौतीपूर्ण और खतरनाक समुद्री मार्गों में गिना जाता है।
- यह न केवल अटलांटिक और प्रशांत महासागर को जोड़ता है बल्कि वैश्विक व्यापार, अंटार्कटिक अभियानों और जलवायु अध्ययन के लिए भी महत्वपूर्ण है।
- पनामा नहर बनने के बाद इसका व्यापारिक महत्व कम हुआ, लेकिन वैज्ञानिक और पर्यावरणीय दृष्टि से यह आज भी अत्यंत प्रासंगिक है।